Posts

Showing posts from April, 2016

कल

हर दिन एक संघर्ष है हर दिन एक लड़ाई है दर्द भरा है सीने में गम से आँखें भी नम  है ऐसा हर बार क्यों होता है हम  कल में वापस क्यों जाना चाहते हैं मैंने सोचा था लहरों से आगे देख लूंगा मैंने सोचा था सच को झुटला दूंगा आँसुओ को रोक लूंगा दर्द को छुपा लूंगा ऐसा क्यों होता है हम  कल में वापस क्यों जाना चाहते हैं मौसम भी बेगाना है अबतो हवा का  अंजाना  है अबतो ये गहरहियो के सन्नाटे है या यह वक़्त खेल है ऐसा क्यों होता है हम कल में वापस क्यों जाना चाहते हैं थक गया हूँ इन सपनो से थक गया हूँ इन कोशिशों से आता नहीं यकीन आगये है इस मोड पर ऐसा क्यों होता है  हम कल में वापस क्यों जाना चाहते हैं  वक़्त थमता नहीं वक़्त रुकता नहीं  इस दौड़ में सोचने को वक़्त मिलता नहीं  दौड़ थमने तक जीवन निकल जाती है  फिर ये मन रोता है .........  कल को रोकने का मन इसका करता है  ऐसा क्यों होता है  हम कल में वापस क्यों जाना चाहते हैं