वो पल

आज कुछ दोस्त बहुत याद आये  
गुज़रा हुआ लम्हा वो साथ लाये 


बैठा करते थे  साथ साथ 
खेला करते थे साथ साथ 
उड़ना  चाहते थे साथ साथ 
दोस्त होने का मतलब समझ आता था उनके साथ  


किनारों पर शोर ही होता है 
पुराना दोस्त ही दोस्त होता है 
काश और जीलेते हम उन पलों को 
आज उनको याद करके थोड़ा बहलाते मन को 


यूँ ही दोस्त हमारे सारे अपने रस्ते निकल गए 
कुछ पीछे रुक गए तो कुछ आगे निकल गए 
यूँ तो अजीब लगा जो ये चेहरे बदल गए 
फिर वक़्त के साथ हम भी सम्हाल गए 


आज बहुत दूर आगये है हम 
याद में भी आये तो किस्मत है हमारी 
पर वो वक़्त साथ जिया है हमने ये नियति है हमारी 
ज़िन्दगी उन्ही पलों में समेट  ले कोशिश है हमारी 

Comments

  1. Waaaaaaooo destroyer waaaaoooo..... too gud

    ReplyDelete
  2. Kya baat hai rk.....simple and direct to heart....keep that spirit up

    ReplyDelete
  3. Kya baat hai rk.....simple and direct to heart....keep that spirit up

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

a short trip to Kasauli (कसौली )

Harmandir Sahib (Temple of God)

“A good snapshot keeps a moment from running away"

Darjeeling Diaries