वो पल
आज कुछ दोस्त बहुत याद आये
गुज़रा हुआ लम्हा वो साथ लाये
बैठा करते थे साथ साथ
खेला करते थे साथ साथ
उड़ना चाहते थे साथ साथ
दोस्त होने का मतलब समझ आता था उनके साथ
किनारों पर शोर ही होता है
पुराना दोस्त ही दोस्त होता है
काश और जीलेते हम उन पलों को
आज उनको याद करके थोड़ा बहलाते मन को
यूँ ही दोस्त हमारे सारे अपने रस्ते निकल गए
कुछ पीछे रुक गए तो कुछ आगे निकल गए
यूँ तो अजीब लगा जो ये चेहरे बदल गए
फिर वक़्त के साथ हम भी सम्हाल गए
आज बहुत दूर आगये है हम
याद में भी आये तो किस्मत है हमारी
पर वो वक़्त साथ जिया है हमने ये नियति है हमारी
ज़िन्दगी उन्ही पलों में समेट ले कोशिश है हमारी
Well written rk..see u.
ReplyDeleteWaaaaaaooo destroyer waaaaoooo..... too gud
ReplyDeleteOh my god RK 👍👌🏻
ReplyDeleteKya baat hai rk.....simple and direct to heart....keep that spirit up
ReplyDeleteKya baat hai rk.....simple and direct to heart....keep that spirit up
ReplyDeleteGood one
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